नई दिल्ली। असम में बोडो संगठनों ने भारतीय जनता पार्टी पर विश्वासघात का
आरोप लगाते हुए पृथक बोडोलैंड राज्य के गठन की मांग के लिए फिर से आंदोलन
छेडने का ऎलान किया है। इन संगठनों ने कहा है कि वे अलग बोडोलैंड राज्य की
मांग के समर्थन में 24 अक्टूबर को 12 घंटे का रेल रोको आंदोलन करेंगे।
ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) और पीपुल्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी फार
बोडोलैंड के साथ मिलकर बोडो नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (प्रोग्रसिव) हडताल की
अगुवाई करेगा। बोडो संगठनों का कहना है कि बोडोलैंड मुद्दे के हल के लिए
भाजपा पर उनका विश्वास करना गलत था। साल 2014 के लोकसभा चुनावों तथा 2016
के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी से उन्हें केवल झूठा आश्वासन मिला।
असम के सबसे बडे जनजातीय समुदाय बोडो का कहना है कि भाजपा बोडोलैंड के
मुद्दे पर कोई चर्चा करने को भी तैयार नहीं है।
बोडो नेताओं का दावा है कि
गत एक साल में उन्होंने जब कभी उनसे (भाजपा नेतृत्व) मिलने की कोशिश की तो
भाजपा के नेताओं से उन्हें उपेक्षा मिली। एबीएसयू के अध्यक्ष प्रमोद बोडो
ने कहा, साल 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष
राजनाथ सिंह ने हम लोगों को आश्वासन दिया था कि भाजपा का समर्थन करने पर
बोडो मुद्दा हल होगा। पार्टी ने हमलोगों से झूठा वादा किया था। हथियार
छोडने वाले बाडो उग्रवादी संगठनों के हजारों सदस्य सोच रहे थे कि बोडोलैंड
का उनका सपना भाजपा के शासन में साकार होगा। अब वे तेजी से निराश हो रहे
हैं।
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