भरतपुर। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं मिलने से नाराज जाट समाज के लोगों ने बिजलीघर चौराहे पर राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया साथ ही एक बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी सरकार को दी। भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले इस विरोध प्रदर्शन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जाट नेताओं ने राज्य की भाजपा सरकार को पूर्ण रूप से दोषी ठहराया। क्योंकि आठ महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया, इसलिए हाई कोर्ट ने आयोग को रद्द कर दिया है। आयोग के रद्द होने के बाद जाट समाज के ओबीसी में आरक्षण देने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। इस दौरान संयोजक नेमसिंह फौजदार ने बताया कि राज्य की भाजपा सरकार की मंशा जाट समाज को आरक्षण देने के पक्ष में नहीं है। यदि राज्य सरकार समय रहते विधानसभा में ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक विधेयक लाई होती तो शायद आज आयोग को रद्द नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जाट समाज जो एक बार फिर से आंदोलन के लिए सरकार ने ललकारा है। इस अवसर पर लाखन हिंगोली, भगत सिंह सूरौता, नीबू सरपंच पेंघौर, विवेक कासौट, बबलू फौजदार कसौदा, अनूप कसौदा, ओमपाल, मन्नू, सचिन, जीतू चाहर, जोगू, पंकज, जोगेंद्र भवनपुरा, पुष्पेंद्र कबई, मनोज सिनसिनी, सोनू कुंतल, रजनेश कुंतल, दुर्ग सिनसिनी, मन्नी कुंतल, छोटू जघीना, आकाश सिंह, चंद्रपाल खूटेल, धर्मवीर मबई, सुनील सरपंच रूपवास उपस्थित रहे।
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