अभिषेक मिश्रा,लखनऊ। भले ही सुनने में अटपटा लगे। लेकिन यह सच है कि भाजपा राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्रों में पिछले 66 साल के इतिहास में इन सीटों पर काबिज नहीं हो पायी है। यह सीट हैं राजधानी की तीन सीटें। जहां कभी कमल नहीं खिला क्योंकि जनता के तालाब में कमल के लिए पानी नहीं था। [@ यूपी चुनाव: राकेशधर का सियासी खेल जारी, मां के खिलाफ बेटा लड़ेगा चुनाव]
लगभग 66 वर्षों से राजधानी की तीन सीटों पर बीजेपी के लिए सूखा पड़ा है। भले ही प्रदेश में भाजपा की आंधी आई हो लेकिन इन तीनों विधान सभा पर इसका कोई असर नहीं रहा है। लखनऊ की यह तीन सीटें हैं मलिहाबाद, मोहनलालगंज व सरोजिनीनगर। इन तीन सीटों पर बीजेपी की अब तक दाल नहीं गली है। इस विधानसभा चुनाव में इस सूखे को खत्म करने केलिए भाजपा ने इस बार यहां अपने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। मलिहाबाद सीट से भाजपा ने सांसद कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी को टिकट देकर बड़ा दांव लगाया है। कौशल किशोर इस सीट से खुद भी विधायक रहे हैं। लेकिन तब वह भाजपा में नहीं थे। कौशल भाजपा में 2014 में आए।
पार्टी ने मोहनलालगंज लोकसभा सीट से टिकट दिया और वह चुनाव जीत गए। अब पार्टी के अलावा कौशल किशोर के सामने भी आजादी से चले आ रहे सूखे को दूर करने की चुनौती है। इसी तरह पार्टी ने सरोजिनीनगर से भी मजबूत उम्मीदवार उतरा है। यहां से पार्टी ने स्वाति सिंह को टिकट दिया है। पार्टी उनके जरिए यह सीट जीतने की कोशिश में है। मोहनलालगंज सीट भी कभी नहीं जीत पायी है। पार्टी ने इस बार यहा अपना उम्मीदवार नहीं उतरा है। बल्कि उसने आरके चौधरी को समर्थन दिया है।
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