लखनऊ। राजधानी में मौजूदा सरकार ने साइकिल पथ बनाए, ताकि पार्टी की ब्रांडिंग के साथ ही साइकिल चलाने वालों को सेफ रास्ता मिल सके। नगर निगम के विरोध के बावजूद सरकार ने साइकिल पथ बनाए। सरकार ने इसके लिए कोई अलग से जमीन नहीं ली, बल्कि सड़क के किनारों के नालों के ऊपर ही इन्हें बना दिया, लेकिन इन्हें तोड़ने की तैयारी चल रही है, क्योंकि नगर निगम इन नालों को साफ कराना चाहता है, ताकि बारिश के मौसम में जनता को कोई दिक्कत न हो। [ यहां कब्र से आती है आवाज, ‘जिंदा हूं बाहर निकालो’ ] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
महज गोमतीनगर में ही 13 करोड़ रुपये खर्च कर बीस किलोमीटर में बनाए गए साइकिल पथ तोड़े जाएंगे। नालों के ऊपर बनाए गए साइकिल पथ बारिश में भारी पड़ेंगे, लिहाजा नालों की सफाई करने के लिए नगर निगम ने उन्हें जगह-जगह तोड़ने का निर्णय लिया है। यह पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी है।
हालांकि सत्ता के दबाव और नगर निगम की आपत्ति के बाद भी तेजी के साथ बनाए गए साइकिल पथ का उपयोग भी न के बराबर है। गोमतीनगर के विशाल खंड, विनम्र खंड, विराम खंड, अंबेडकर स्मारक से लेकर सिटी मांटेसरी स्कूल तक, पत्रकारपुरम से मनोज पांडेय चौराहा, हुसड़िया चौराहे के पास साइकिल पथ के लिए नालों को बंद कर दिया गया था। अब जरूरत के हिसाब से साइकिल पथ को जगह जगह से तोड़ा जाएगा, जिससे कूड़ा निकालने वाली मशीन उसमें जा सके। बाद में मरम्मत करा दी जाएगी, इसके लिए नाला सफाई के बजट में साइकिल पथ की मरम्मत के बजट का भी प्रावधान किया जाएगा।
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