श्रीगंगानगर। कृषि विभाग की ओर से कृषि उपज मण्डी लालगढ़ मे एक दिवसीय जैविक कृषि मेले का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को उन्नत जैविक कृषि से जुड़ी समस्त जानकारियां मिली। मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर ज्ञानाराम ने मेले में किसानो को बताया की कृषि क्षेत्र मे खूब विकास हुआ है, लेकिन आज किसान कोई खास तरक्की नहीं कर पाया। किसान खेत मे खुद काम नही करता है और न ही किसान फसल पर ध्यान देता है, जिसका कारण है की किसान खेती को कैशलेस नही मानता। जिला कलेक्टर ने कहा की सरसों खरीद के सरकारी केन्द्र तो खुलवा दिए जाए, लेकिन जब तक किसान खुद फसल लेकर नही आएगा तब तक वह सेन्टर कामयाब नही हो सकता। जिला कलेक्टर ने कहा की किसान बैंक से जमीन पर ऋण लेकर उस रुपए को खेती के सुधार मे खर्च करे ताकि अच्छी उपज पैदा की जा सके। सादुलशहर विधायक गुरजंट सिह बराड़ ने कहा की जब मुआवजा आने का समय होता है तो किसानो को खातों सम्बन्धी कई समस्याए आती है, लेकिन जब सरकार गांव-गांव में राजस्व शिविर का आयोजन करती है तो उस समय काश्तकार अपना अलग-अलग शुदीकरण नही करवाते। सयुक्त कृषि निदेशक वीएस नैन ने बताया की आज के समय में रसायन उर्वरक पैस्टीसाईड का अंधाधुंध उपयोग करने के कारण जमीन में फसल पैदा करने की क्षमता कम होती जा रही है। राजस्थान सरकार इस बात को ध्यान मे रखकर 100 वर्ष पुरानी परम्परागत खेती को दुबारा जीवित करने के लिए पूरे प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक कृषि मेलों का आयोजन रही है। मेले मे सरकारी व प्राईवेट दुकानदारो ने खेती संबंधी उपकरण, खाद-बीज, जैविक रसायन दवाईयों आदि की स्टाल लगा कर जानकारियां दी। इस अवसर पर कृषि विभाग की ओर से गुरबचन सिह, जसवीर कौर, राधेश्याम को दो दो लाख रुपए के चैक वितरित किए। [# खौफ में गांव के लोग, भूले नहीं करते ये काम] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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