नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सियाचिन ग्लेशियर के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए वहां से सैनिक हटाए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने उल्लेख किया कि विश्व के इस सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में पिछले कुछ वषोंü में जनहानि की घटनाओं में कमी आई है।
पर्रिकर ने एक हफ्ते पहले जबर्दस्त हिमस्खलन की घटना में 10 सैनिकों के मारे जाने के मद्देनजर कहा, मैं राष्ट्रीय सुरक्षा के दष्टिकोण से सोचता हूं, सियाचिन में हमारी मौजूदगी बहुत महत्वपूर्ण है। रक्षामंत्री ने कहा कि ग्लेशियर पर सालाना जनहानि की घटनाओं में कमी आई है, जहां भारत और पाकिस्तान पिछले कई साल से संघर्षविराम जारी रखे हुए हैं।
पाक मानें शर्ते तो ही सियाचिन का विसैन्यीकरण: सेना कमांडर...
सेना के एक शीर्ष सैन्य कमांडर ने स्पष्ट किया कि सियाचिन के विसैन्यीकरण की पाकिस्तान की सलाह केवल तभी कार्यान्वित की जा सकती है जब वह भारत की कुछ आधारभूत शतोंü को स्वीकार करे, जिन पर वह सहमत नहीं है। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, कुछ आधारभूत शतेंü हैं जिन्हें सैनिकों को हटाए जाने की किसी बातचीत से पहले माना जाना चाहिए। इनमें से कुछ दूसरे देश को स्वीकार नहीं हैं इसलिए यह समझौता नहीं हो पाया है। हालांकि बातचीत अभी जारी है।
जनरल हुड्डा की यह टिप्पणी पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित की सलाह के संदर्भ में आई है।
कोर्ट को आप ने राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है, भारतीय न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश : शहजाद पूनावाला
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope