अभिषेक
मिश्रा, लखनऊ। हालांकि अपना दल के भीतर अभी विवाद थमा नहीं है। फिर भी अनुप्रिया
पटेल की अगुवाई वाले अपना दल ने चुनावी गठबंधन की तैयारियां कर ली हैं। अभी तक अगर
रिकॉर्ड देखा जाए तो गठबंधन से दल को फायदा ही मिला है। अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर
से सांसद हैं और केंद्र में राज्यमंत्री भी। [@ Exclusive:10 साल से बेडिय़ों में जकड़ी है झुंझुनूं की जीवणी]
पिछले
दो चुनाव (विधान सभा व लोकसभा) में इसी दोस्ती के सहारे दो प्रत्याशियों ने जीत
दर्ज कराई थी। 2017 के विधान सभा चुनाव में अपना दल एक बार फिर गठबंधन करेगा।
भाजपा के साथ गठबंधन के पूरे आसार हैं। लेकिन पार्टी ने सभी के लिए दरवाजे खोले
हैं जिस पर अंतिम फैसला 16 जनवरी तक हो जाएगा। अपना दल ने गठबंधन की
दोस्ती 2007 के विधानसभा चुनाव से शुरू की थी। उस समय भाजपा के साथ
मिलकर 39 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन सफलता एक भी नहीं मिल
पाई।
2012 में भाजपा का दामन छोड़कर पीस पार्टी सहित छोटी पार्टियों के
साथ मिलकर 139 सीटों पर चुनाव लड़ा। जिसमें अनुप्रिया पटेल को रोहनिया
वाराणसी से जीत हासिल हुई। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अपना दल ने भाजपा के
साथ ही दोस्ती बनाए रखी और दो सीटों (प्रतापगढ़ व मिर्जापुर) से चुनाव लड़कर जीत
हासिल की।
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