शिमला। कुदरत ने अढाई दशक बाद विख्यात पर्यटक स्थल शिमला को क्रिसमस पर बर्फबारी का तोहफा दिया है। लंबे अरसे बाद पर्यटकों को शिमला में व्हाइट क्रिसमस मनाने का मौका मिला है। शिमला और इससे सटे पर्यटक स्थल कुफरी और नारकण्डा में रविवार को क्रिसमस पर सीजन का पहला हिमपात हुआ। कुफरी में अब तक 2 इंच बर्फ गिर चुकी है। इसके अलावा धौलाधार की पहाडि़यों तथा किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के कई स्थानों में हिमपात हुआ।
शिमला में आज सुबह से बर्फ गिरने का सिलसिला शुरू हो गया था। अचानक हुई बर्फबारी से पर्यटक अचंभित रह गए और बर्फ के फाहों के बीच उन्होंने रिज मैदान व माल रोड पर नाच-गाकर क्रिसमस मनाई। कुछ ही देर में यहां की जाखू पहाड़ी बर्फ की सफेद चद्दर से ढक गई और यह सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
शिमला की तरह ही पर्यटक स्थल कुफरी में भी सफेद चांदी बिछ गई है, जहां समूहों में आए पर्यटक अठखेलियां कर रहे हैं। क्रिसमस पर ताजा बर्फबारी के पड़ने को हमेशा से ही शुभ माना जाता रहा है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान शिमला में बर्फ के बीच मनाई जाने वाली व्हाइट क्रिसमस के किस्से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। यही वजह है कि व्हाइट क्रिसमस का क्रेज आज भी लोगों में बरकरार है। 25 साल पहले वर्ष 1991 में शिमला में क्रिसमस पर ताजा बर्फ पड़ी थी। उसके बाद हालांकि कई बार बर्फबारी के आसार तो पैदा हुए लेकिन बर्फ पड़ी नहीं।
इस बार पूरे दिसम्बर माह में मौसम साफ बना हुआ था तथा क्रिसमस पर बर्फबारी की कतई उम्मीद नहीं थी। स्थानीय मौसम विभाग ने भी क्रिसमस पर बर्फबारी की संभावना से इंकार कर दिया था। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्ष 1991 के बाद इस बार 25 दिसम्बर को शिमला में हिमपात हुआ है। उन्होंने कहा कि राजधानी में वर्ष 2015 में 24 दिसम्बर तथा वर्ष 2013 में 23 दिसम्बर को बर्फ गिरी थी।[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]
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