हाथरस। एटा में हुए दर्दनाक हादसे के बाद परिवहन
विभाग का ध्यान अब स्कूली वाहनों की तरफ है। बिना गाईडलाइन के चलने वाले
वाहनों को लगातार सीज किया जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या यह स्कूली
वाहन एटा में हुए दर्दनाक हादसे से पहले नियमों का उल्लंघन नही कर रहे थे? क्या अधिकारी
किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार ही करते है ? जब दुर्घटना होगी तभी वह
कोई कदम उठाते है। अगर यह कदम सही समय से लिया जाये तो ऐसी कोई दुर्घटना होने से
बचा सकता है।
दुर्घटना के बाद जब स्कूली वाहनों के खिलाफ कदम
उठाये जा रहे है तो ऐसे में एक और सवाल उठता है कि क्या सिर्फ स्कूली वाहन ही
नियमों का उल्लंघन कर रहे है? जिले में परमिट लेकर ठेके पर चलने वाली गाड़िया खूब
है, और यह रोज लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है। इनमे यात्री के बैठने की
सीमा तो 8-9 है मगर यह वाहन एक साथ 15-17 लोगो को लेकर फर्राटा भरते है, और लोगों
की जान से खिलवाड़ करते है।
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