मुंबई। मुंबई की एक मकोका कोर्ट ने गुरुवार को औरंगाबाद हाइवे पर वर्ष 2006
में मिले हथियारों के जखीरा मामले में आतंकी अबु जुंदाल समेत एक दर्जन
लोगों को दोषी करार दिया है, जबकि दस लोगों को बरी कर दिया। हालांकि उन पर
लगीं मकोका की धाराएं हटा ली गईं और उन्हें आम्र्स एक्ट के तहत दोषी करार
दिया गया। अबु जुंदाल आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का सदस्य है और वह
मुंबई पर 26/11 को हुए आतंकी हमले का अहम साजिशकर्ता है। उसको इस हमले के
दोषी अजमल कसाब को हिंदी सिखाने वाले के रूप में भी जाना जाता है।
मकोका
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया को मारने के लिए
यह साजिश रची गई थी। मकोका कोर्ट ने कहा कि यह आतंकी हमले की बड़ी साजिश
थी, जिसे आरोपियों ने ‘जिहाद’ का नाम दिया था। इन आरोपियों में फिरोज शेख
भी शामिल है, जो विवादास्पद धार्मिक गुरु जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च
फाउंडेशन (आईआरएफ) का कर्मचारी था। आईआरएफ का दूसरा कर्मचारी अर्शीद कुरैशी
पिछले सप्ताह आईएस लिंक और धर्म परिवर्तन के केस में नवी मुंबई में पकड़ा
गया था।
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