दोनों तेलुगू भाषी राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में
दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे, लेकिन अन्य
स्थानों पर इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं दिखा। दोनों राज्यों में सरकारी सडक
परिवहन निगम (आरटीसी) की सेवाएं सामान्य रूप से संचालित रहीं।
भाकपा,माकपा, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने
आरटीसी डिपो पर धरना दिया। कर्मचारी संघों ने हालांकि खुद को इस बंद से अलग
रखा। वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने
भारत बंद का आह्वान नहीं किया है, बल्कि नोटबंदी के कारण लोगों को पेश आ
रही परेशानियों के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के कडपा में आरटीसी बस डिपो पर धरना दे रहे कांग्रेस और माकपा
के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वे बसों को चलने से
रोकने का प्रयास कर रहे थे। हैदराबाद में कुछ स्कूलों में एहतियात के तौर
पर अवकाश भी घोषित कर दिया गया। ओस्मानिया यूनिवर्सिटी, काकातिया
यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जेएनटीयू) ने
अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दीं।
बंगाल में बंद का असर...
पश्चिम बंगाल में बंद का बहुत असर देखने को नहीं मिला। ट्रेनों व विमानों
का परिचालन सामान्य रहा। स्कूल व कॉलेज भी खुले रहे और व्यावसायिक
प्रतिष्ठान व अन्य दफ्तरों में कामकाज सामान्य रहा। स्कूल और कॉलेज खुले
रहे हालांकि विद्यार्थियों की उपस्थिति सामान्य से कम रही, जबकि प्रदेश भर
में कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कामकाज सामान्य रहा।
कोलकाता में मेट्रो का संचालन बंद से अप्रभावित रहा।
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से लोगों को हो रही समस्याओं के खिलाफ
बुलाई गई राज्यव्यापी हडताल के बावजूद उत्तरी 24 परगना जिले में बैरकपुर
औद्योगिक क्षेत्र की जूट मिलों और अन्य औद्योगिक इकाई में श्रमिकों की
उपस्थिति सामान्य रही।
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