श्री आनंदपुर साहिब। पंजाब में एक गांव ऐसा भी भी सरकारी दस्तावेजों में तो पंजाब का हिस्सा है। लेकिन इस गांव की कुछ आवश्यकताएं हिमाचल सरकार पूरा करती है। लेकिन अन्य सुविधाओं के लिए यह गांव आजादी के 68 साल बाद भी सेहत और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यह गांव पंजाब हिमाचल बार्डर पर आखरी गांव कल्लर है। कहने को तो यह गांव पंजाब का है मगर इस गांव मैं बिजली और पानी हिमाचल सरकार का है। सेहत सुविधा की नाम पर यहाँ कोई भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इलाज के लिए लोगों को आनंदपुर साहिब आना पड़ता है न ही यहां कोई स्कूल है। यहां के लोग वोट डालने के लिए 35 किलोमीटर दूर जाते हैं। इस गांव मैं आज तक न ही कोई मंत्री और नेता पहुंचा है। इन गांव के लोगों की बात करें तो उनका कहना है की हम भाखड़ा डैम के विस्थापित हैं हमारी जमीन से पंजाब, हरियणा, हिमाचल व अन्य राज्य बिजली पानी का आनंद ले रहे हैं मगर हमें सुविधाओं के लिए तरसना पढ़ रहा है। जब हमने इन समस्याओं के बारे मैं पंजाब के शिक्षा मंत्री डाक्टर दलजीत सिंह चीमा से बात की तो उन्होंने कहा की ऐसा कोई भी गांव की समस्या उनके ध्यान मैं नहीं है अगर कोई समस्या है तो देखेंगे।
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