नई दिल्ली। केंद्र ने सातवें वेतन आयोग की उस महत्वपूर्ण सिफारिश को भी मान लिया है जिसमें सेवा के 20 सालों के दौरान संतोषजनक प्रदर्शन नहीं करने वाले कार्मिकों की वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने की बात कही गई है। ऐसे कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया जाएगा। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की थी कि यदि कोई कार्मिक सेवा के पहले बीस सालों के दौरान अच्छा कार्य नहीं कर पाता है, तो उसे प्रोन्नति लाभ नहीं दिया जाए। या प्रोन्नति की जगह एमएसपी योजना का लाभ नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि उसका कामकाज संतोषजनक नहीं है।
एमएसपी के तहत कार्मिक को आर्थिक रूप से प्रोन्नति दी जाती है। ऐसा तब होता है जब प्रोन्नति के लिए पद खाली नहीं होते हैं। विभागीय कार्रवाई के चलते जिन मामलों में प्रोन्नति रुकी होगी, उन्हें इस योजना के हिस्से में शामिल नहीं किया जाएगा। मूलत: यह योजना अयोग्य कर्मियों से निपटने के लिए लाई गई है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग को लेकर नई याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल
निर्वाचन आयोग ने यूसुफ़ पठान को प्रचार के दौरान 2011 विश्व कप की तस्वीरों के इस्तेमाल से रोका
अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शायद ही हो सकेंगे शामिल, लोगों ने कहा - जब राम रहीम को पैरोल तो...
Daily Horoscope