आपको बता दें कि बिहार में बड़े पैमाने पर नकल और फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इस मामले की जांच एसआइटी के हवाले कर दी गई थी और बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव सहित करीब दो दर्जन लोग इस मामले में जेल में हैं। एसआईटी ने फर्जी टॉपरों और उनके अभिभावकों पर भी मुकदमा किया है। फर्जी टॉपरों के रिजल्ट रद्द कर दिए गए हैं।
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