इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों को दलित का दर्जा दिए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को किसी जाति को एससी या ओबीसी घोषित करने का अधिकार नहीं है। ऐसा केवल केंद्र सरकार ही कर सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों को दलित का दर्जा दिया था। इसी के साथ इन जातियों को दलित के सामन सभी सुविधाएं देने का ऐलान किया था। इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। मंगलवार को इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले एवं जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने इन जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार को किसी जाति को एससी या ओबीसी घोषित करने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केंद्र सरकार को है। इस मामले में पहले से एक याचिका दायर है, उस पर 9 फरवरी की तारीख लगी है। इस याचिका पर भी उसी दिन सुनवाई होगी।
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