इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मनोनीत अध्यक्ष डॉ के.के.अग्रवाल ने बताया, ‘‘अगर पोषण की उचित गुणवत्ता शरीर को मिलती रहे, तो व्रत रखने से शरीर पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जिन मरीजों को दिल की समस्या हैं, उन्हें आलू के पकौड़े और आलू के प्रोसैस्ड चिप्स जैसी तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए। मधुमेह के मरीजों को उसी वक्त अपना व्रत खोल देना चाहिए जब उनके रक्त शर्करा का स्तर 60 एमजी से नीचे चला जाए। उन्हें दिन में काफी मात्रा में तरल आहार भी लेते रहना चाहिए, क्योंकि शरीर में डिहाइड्रेशन होने से लकवा या दिल का दौरा पड़ सकता है।’’
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