नई दिल्ली। दिल के दौरे के बाद अकेले रहने से अगले चार सालों में मौत होने
की संभावना बढ़ जाती है, यह जानकारी हार्ट केयर ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के
अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल ने दी।
अमेरिकन जरनल ऑफ कार्डियॉलॉजी
में प्रकाशित एक ताजा अध्ययन का हवाला देते हुए डॉ. अग्रवाल ने कहा कि दिल
के दौरे के एक साल बाद मौत होने की संभावना अकेले रह रहे व्यक्ति की भी
उतनी ही होती है जितनी किसी के साथ रह रहे पीडि़त की होती है। लेकिन अकेले
रह रहे मरीज की चार सालों में मौत होने की संभावना 35 प्रतिशत ज्यादा होती
है।
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