अक्सर आपने पंडितों को और बड़े बुज़ुर्गों को कहते सुना होगा कि पति परमेश्वर होता है, इसलिए कभी पति से बहस नहीं करनी चाहिए और कभी भी पत्नी को अपने मर्यादा नहीं लांघनी चाहिए व पति का आदर करना चाहिए। इसी के चलते कवारी लड़कियां सोलह सोमवार का व्रत रखती जिससे उन्हें पति नहीं बल्कि परमेशवर मिले। लड़की के पैदा होने से मरने तक उनको इस अन्धविश्वास में रख जाता है ताकि वे हमेशा अपनी मर्यादा में रहे और उनसे पैरों कि धुल बनी रहें। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि क्यों कभी लड़कों को व्रत रखने को नहीं जाता, क्यों लड़कों को नहीं कहा जाता कि लड़कियां लक्ष्मी होती है उनका आदर करें।
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