वकील देवानी चला रहा था गिरोह [@ नशेडी पति ने ब्लेड से खुद ही चीर दिया गर्भवती पत्नी का पेट ]
दिनेश एम.एन महानिरीक्षक ने बताया कि
एसओजी द्वारा जयपुर व राजस्थान के अन्य शहरों में बलात्कार के झूठे मुकदमें
दर्ज कराने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग कर करोडों रुपये ऐंठने वाले इस
संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। मामले में दो जनों को गिरफ्तार किया है।
दोनों खुद को मीडिया से जुडा बता रहे हैं। गिरोह में आनन्दपाल सिंह गिरोह
के सदस्यों के अलावा जयपुर शहर के कुछ वकील, प्रतिष्ठित व्यक्ति व महिलाऐं
भी शामिल है। इस गिरोह का संचालक जयपुर शहर का वकील नवीन देवानी है। एसओजी
द्वारा थाना विधाधरनगर के चर्चित हिम्मत सिंह हत्याकांड का अनुसंधान कर इस
गिरोह का खुलासा किया गया था। यह हत्या कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के
इशारे पर हुई थी। इसमें लक्ष्मण सिंह, उदयवीर सिंह, अनुराग चौधरी, आनंद
शाण्डिल्य, सोनू पावटा, अजीत पावटा को गिरफ्तार किया था। आनंद शाण्डिल्य
पुत्र विजय कुमार निवासी ए-40, तिलक नगर, थाना आदर्श नगर, जयपुर ने खुलासा
किया कि जयपुर शहर व राजस्थान के अन्य शहरों में वह व उसके साथी वकील नवीन
देवानी, वकील नितेश बंधु शर्मा, अक्षत शर्मा, विजय उर्फ सोनू शर्मा व कुछ
अन्य लोग भी शामिल है, जो जयपुर, अजमेर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से
लडकियां मंगवा कर उन्हे ब्लैकमैंलिंग के काम के लिये तैयार करते थे। इसमें
एक एनआरआई लडकी भी शामिल है। आनंद शाण्डिल्य व वकील नवीन देवानी द्वारा शहर
के सामाजिक रुप से प्रतिष्ठित व धनी लोगों को चिन्हित कर उनके पास
योजनाबद्ध रुप से लडकी को भेजा जाता। लडकी ऐसे लोगों को अपने जाल में फ ांस
कर उसके साथ ईच्छा से शारीरिक संबंध स्थापित करती एवं योजना अनुसार इस
कार्य को बलात्कार का रुप देने के लिये साक्ष्य एकत्र कर लेती। इस साक्ष्य
में क्लिपिंग, अधो:वस्त्र आदि होते थे। गिरोह के सरगना व सदस्यगण पूर्व
नियोजित योजना अनुसार उस व्यक्ति के पास जाते और उसे बलात्कार के झूठे
मुकदमें में फं साने की धमकी देते। समाज में अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के
लिये वह व्यक्ति उनके द्वारा मुंह मांगी बडी रकम का उनको भुगतान करता।
ब्लैकमैलिंग की यह रकम कई मामले में एक से दो करोड होती थी। जो व्यक्ति
रुपया देने से मना करते, उनके विरुद्ध थानों में बलात्कार के झूठे मुकदमें
दर्ज कराये जाते व उनके गिरफ््तार होनेे के बाद ट्रायल के दौरान तथाकथित
बलात्कार की पीडिता के पक्षद्रोही बयान करवा कर बडी रकम वसूल की जाती।
- डॉक्टर सोनी को फंसाकर ऐंठे एक करोड़
एसओजी
के मुताबिक इसी गिरोह द्वारा जयपुर शहर के वैशाली नगर में मेड््िस्पा के
नाम हेयर ट्रांसप्लांट का क्लिनिक चलाने वाले डॉ. सुनीत सोनी को चिन्हित कर
उनके पास योजनाबद्ध तरीके से एक लडकी को हेयर ट्रीटमेंट कराने भेजा। लडकी
ने अपने आप को डिप्रेशन में बताते हुए डॉ. सुनीत सोनी को अपने साथ पुष्कर
घुमाने चलने का दबाव डाला। लडकी ने योजनानुसार डॉ. सुनीत सोनी से पुष्कर
में एक रिसोर्ट में कमरा बुक करा दिया। सुनीत लडकी को पुष्कर छोडकर रात में
ही जयपुर आ गया। लेकिन लडकी ने डॉ. सुनीत को बार-बार फ ोन यह कहते हुए किए
कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिये अभी वापस पुष्कर आकर उसे ले जाये। डॉ.
सुनीत रात में वापस अपनी गाडी से पुष्कर गया और सुबह लडकी को लेकर जयपुर आ
गया। एक दो दिन बाद ही अक्षत शर्मा व विजय उर्फ सोनू शर्मा ने डॉ. सुनीत
सोनी को लडकी से मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर एक करोड रुपये मांगे।
दोनों ने अपने आप को मिडियाकर्मी होना बताया व न्यूज चलाने की धमकी दी।
डॉक्टर सुनीत ने रुपये देने से इंकार कर दिया तो गिरोह के सरगना वकील नवीन
देवानी ने लडकी से डॉ. सुनीत सोनी के विरुद्ध थाना पुष्कर पर धारा 376
आईपीसी में बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा दिया। सुनीत को इस मामले में
पुष्कर थाना पुलिस ने गिरफ््तार कर लिया। डॉ. सुनीत सोनी के पिता व उसके
भाई से सरगना नवीन देवानी, नितेष बंधु व प्रेम शर्मा, सुशील गुप्ता ने
सम्पर्क किया और समझौते के नाम पर करीब 1 करोड लेकर लडकी के कोर्ट में
पक्षद्रोही बयान करवाये। डॉक्टर सुनीत सोनी का बलात्कार के एक झूंठे
मुकदमें में 75 दिन तक जेल में रहना पडा। डॉक्टर सुनीत सोनी ने दिनेश
एम.एन., महानिरीक्षक पुलिस, एसओजी के समक्ष उपस्थित होकर इस मामले में
लिखित शिकायत की थी।
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