‘नोटबंदी’ का असर सिनेमा व्यवसाय पर काफी गहरा पडा है। मल्टीप्लेक्स के साथ-साथ सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर इसकी चपेट में आ गए हैं। सिनेमाघरों का खर्च निकलना मुश्किल हो गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछली 11 नवंबर से 9 दिसंबर के मध्य प्रदर्शित हुई फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर वो सफलता नहीं मिली है, जिसकी उम्मीद इन फिल्मों से की जा रही थी। फरहान अख्तर निर्मित और अभिनीत रॉक ऑन-2 इस वर्ष की सबसे बडी असफल फिल्म सिद्ध हुई। उसके बाद प्रदर्शित हुई फोर्स-2, डिअर जिन्दगी और कहानी-2 में एक मात्र गौरी शिंदे निर्देशित आलिया भट्ट स्टारर ‘डिअर जिन्दगी’ ऐसी फिल्म रही है जिसने न सिर्फ अपनी लागत वसूली अपितु निर्माताओं की जेब में मोटा मुनाफा भी गया। इस फिल्म ने वैश्विक स्तर पर 100 करोड से ज्यादा का कारोबार करके यह संकेत जरूर दिया कि यदि फिल्म की कथा, पटकथा और संवाद दमदार हों तो फिर उसकी सफलता पर ‘नोटबंदी’ का कोई असर नहीं हो सकता। लेकिन इसके बावजूद जो फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं उनकी सफलता में यह ‘नोटबंदी’ बाधा बन रही है या बन सकती है इसकी आशंका लगातार बनी हुई है।
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