इस संस्कार में ब्रह्मचर्य व्रत की दीक्षा दी जाती है एवं ब्रह्मचर्याश्रम का पालन करने के लिए शास्त्रादेश बताए जाते हैं। पुराने जमाने में सभी वर्णों में व्रतबंध संस्कार किया जाता था। आज के युग में इस संस्कार के लुप्त होने की संभावना बढती जा रही है। जहां यह संस्कार संपन्न होता है वहां संस्कार से अधिक समारोह का स्वरूप बन जाता है।
Vastu Tips: बुरी शक्तियों से मिलेगी मुक्ति, रसोई घर में जाकर करें ये काम
आज का राशिफल : ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का शुक्रवार का दिन
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का चैत्र शुक्ल् नवमीं का दिन
Daily Horoscope