मांगलिक शब्द का अर्थ कुछ अलग है लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ
ज्योतिषी इसे राई का पहाड़ बन देते हैं। देखा जाए तो मंगल शब्द सुनने में
इतना मीठा और सुन्दर हैं, क्या वह किसी का बुरा/अमंगल कर सकता हैं ?
ज्योतिशास्त्र में कुछ नियम बताए गये हैं जिससे वैवाहिक जीवन में मांगलिक
दोष नहीं लगता है, आइये इसे समझें– [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
कुण्डली में मंगल दोष का निवारण ग्रहों के मेल से नहीं होता है तो व्रत और अनुष्ठान द्वारा इसका उपचार करना चाहिए।
मंगला गौरी
और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है। अगर जाने अनजाने
मंगली कन्या का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण के लिए
इस व्रत का अनुष्ठान करना लाभदायी होता है।
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