महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। भारत के कई मंदिरों में ये मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। वैसे तो हर महीने मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन फाल्गुन महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं। हर साल ये पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। शिव के भक्त शिव मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और शिवरात्रि पर व्रत भी रखते हैं। महाशिवरात्रि के दिन विधि विधान से भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिवरात्रि पर सुबह 06:36 बजे से लेकर पूरा दिन और रात सर्वार्थसिद्धि योग है जो सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है। अगर इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो समस्त मनोकामना पूरी हो सकती है। [# जीवन में सब कुछ ठीक नहीं तो, जानिएं कौनसा ग्रह कर रहा है गडबड!] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
दो योग है खास
महाशिवारात्रि इस वर्ष बेहद खास दो योग बन रहे हैं, शिव पुराण के अनुसार जब ग्रहों के राजा सूर्य अपने 12 किरणों से इस संसार को प्रकाशित करते हैं, तब फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन द्वादश ज्योतिर्लिंग अवतार के अवसर एवं भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के दिन को महाशिवरात्रि का पर्व कहते हैं। दो दिन पड़ने वाले महाशिवरात्रि का पर्व इस बार स्वार्थ सिद्ध एवं सिद्ध योग पड़ने से खास होगा। चतुर्दशी तिथि 24 फरवरी की रात्रि साढ़े नौ बजे प्रारंभ होगी। जो 25 फरवरी को रात्रि सवा नौ बजे तक रहेगी।
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