2. मंत्र जप के लिए सही वक्त भी बहुत जरूरी है। इसके लिए ब्रह्ममूर्हुत
यानी तकरीबन 4 से 5 बजे या सूर्योदय से पहले का समय श्रेष्ठ माना जाता है।
प्रदोष काल यानी दिन का ढलना और रात्रि के आगमन का समय भी मंत्र जप के लिए
उचित माना गया है।
3. अगर यह वक्त भी साध न पाएं तो सोने से पहले का समय भी चुना जा सकता है।
4. मंत्र जप प्रतिदिन नियत समय पर ही करें।
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