हिन्दू समाज में धनतेरस सुख-समृद्धि, यश और वैभव का पर्व माना जाता है। इस
दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरि की पूजा का बड़ा
महत्त्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाए
जाने वाले इस महापर्व के बारे में स्कन्द पुराण में लिखा है कि इसी दिन
देवताओं के वैद्य धन्वंतरि अमृत कलश सहित सागर मंथन से प्रकट हुए थे, जिस
कारण इस दिन धनतेरस के साथ-साथ धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती है।
इसी
दिन लक्ष्मी गणेश जी की मिटट्ी या चांदी या सोने की प्रतिमाएं या उनके
चित्र तथा बर्तन खरीद लें और उनका प्रयोग भी इसी दिन से आरंभ कर दें।
सायंकाल मुख्य द्वार पर आटे का चैमुखी दीपक बना कर, चावल या गेहूं की ढेरी
पर रखें। साथ में जल, रोली, गुड़ फूल नैवेद्य रखें । इसे आज से 5 दिन हर
शाम जलाएं। यह पर्व दीवाली के आगमन की सूचना देता है।
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