दिनचर्या में
अपने परिश्रम को सर्वोपरि मानते हुए एकाग्रचित्त होकर मां शक्ति (शिवा,
दुर्गा) की आराधना व ध्यान करने से विद्या व लक्ष्मी प्राप्ति के योग प्रबल
बनते हैं। रविवार, सोमवार या शुक्रवार से इन श्लोकों का 51 या 101 बार पठन
करें-
जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
विद्यावन्तं यशस्वन्तं लक्ष्मीवन्तं जनं कुरू।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।।
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