शादी पर्व में बाराती और घराती तो शराब पीते ही हैं, साथ ही दूल्हा-दुल्हन
को भी शराब का शगुन करना बेहद जरूरी होता है। बारात जब दुल्हन लेने गांव
पहुंचती है तो सबसे पहले शराब का ही शगुन किया जाता है। खुद दुल्हन की मां
दूल्हे को अपने हाथ से शराब पिलाती है। इसके बाद दूल्हे और दुल्हन की बारी
आती है और वे भी एक-दूसरे को शराब पिलाते हैं।
बैगा समुदाय को करीब से
जानने वाले चंद्रशेखर शर्मा बताते हैं कि बैगा आदिवासियों की शादी में कोई
पंडित नहीं होता और न ही कोई विशेष सजावट होती है। यहां तक दहेज प्रथा भी
पूरी तरह से बंद है। यहां चलता है तो केवल महुए से बनी शराब।
इस गांव में हर आदमी करोडपति, लेकिन गांव छोडते ही . . .
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