इसका कारण ये है कि इस गांव में अगस्त के महीने में पांच दिनों के लिए काला
महीना मनाया जाता है। लोगों का मानना है कि लाहुआ घोंड देवता जब
पीणी पहुंचे थे तो उस दौरान राक्षसों का आतंक था। भादो संक्रांति को यहां
काला महीना कहा जाता है और इस दिन देवता ने पीणी में पांव रखते ही राक्षसों
का नाश किया था। कहा जाता है कि देवता के इस गांव में पांव रखने के बाद से
ही इस देव परंपरा की शुरूआत हो गई, जो आज भी कायम है। जिससे महिला-पुरूष
भादो महीने में पांच दिनों के लिए ये अजीबो-गरीब चीजें करते हैं।
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