वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत की टॉप आईटी क्षेत्र की कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस पर एच-1बी वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। आरोप है कि इन दोनों कंपनियों ने गलत तरीके से जरूरत से ज्यादा एच -1बी वीजा हासिल किया है। आपको बता दें कि अमेरिका में लॉटरी सिस्टम से वीजा दिया जाता है। लेकिन, इन कंपनियों ने अमेरिकी कर्मचारियों का स्थान लेने के लिए मार्केट रेट से कम सैलरी देकर कर्मचारियों को लाया जाता है जो कि वीजा कार्यक्रम की नीतियों का उल्लंघन है।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पिछले सप्ताह वाइट हाउस के एक अधिकारी ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि इन कंपनियों ने कई आवेदन भेजे ताकि लॉटरी ड्रॉ में इनके लिए वीजा पाने की संभावना ज्यादा प्रबल हो सके। उन्होंने कहा कि आप इनका नाम जानते हैं, लेकिन सबसे अधिक एच-1बी वीजा पाने वाली कंपनियां टीसीएस, इन्फोसिस और कॉग्निजेंट जैसी कंपनियां जितना वीजा पाती नहीं, उससे ज्यादा आवेदन करती हैं। जब उनसे पूछा गया कि भारतीय कंपनियों का नाम क्यों लिया जा रहा है? इस पर वाइट हाउस अधिकारी ने कहा कि टीसीएस, इन्फोसिस और कॉग्निजेंट एच-1बी वीजा पाने वाली शीर्ष कंपनियां है। ये तीन कंपनिया अपने कर्मचारियों को 60,000 से 65,000 अमेरिकी डॉलर देती हैं।
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