वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेचीनी सामानों के आयात पर लगभग 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाने संबंधी मेमो पर हस्ताक्षर कर दिए। सीएनएन के मुताबिक, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी की सात महीने की जांच के बाद यह कदम उठाया गया है। इस शुल्क के अलावा अमेरिका ने चीन पर नए निवेश प्रतिबंध लगाने की भी योजना बनाई है। इसके साथ ही विश्व व्यापार संगठन और राजस्व विभाग भी चीन पर अतिरिक्त कदम उठाएगा। ट्रंप ने कहा, हम इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी चोरी की समस्या से जूझ रहे हैं। ट्रंप ने गुरुवार को 1974 के व्यापार अधिनियम की धारा 301 के हवाला देकर एक मेमो पर हस्ताक्षर किए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि, अमेरिका के इस कदम के बाद चीन में बौखलाहट देखी जा रही है। चीन ने कहा है कि अमेरिका के इस कदम का कड़ा जवाब दिया जाएगा। चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए दोनों देशों के बीच ट्रेड जारी रखने के लिए टैरिफ को रोकने के लिए कहा है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक अमेरिका में चीन के दूतावास से जारी एक बयान में कहा गया है कि चीन ने इस ट्रेड टैरिफ की कड़ी निंदा की है। चीन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले ने दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) शुरू कर दिया है।
दूतावास ने कहा, अगर अमेरिका की ओर से ट्रेड वॉर की शुरुआत की जा रही है तो चीन भी अपने वैध हितों के लिए इस लड़ाई को आखिरी तक लड़ेगा। उन्होंने कहा, हम अमेरिका से आग्रह करते हैं वह इस ट्रेड टैरिफ को यहीं रोक दें। उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के व्यापारिक संबंध खराब होते हैं तो अमेरिका आखिर में खुद को ही नुकसान पहुंचाएगा। चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने भी अमेरिका को जवाब देते हुए बुधवार को कहा था, हम किसी तरह का ट्रेड वॉर नहीं चाहते हैं, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।
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