बीजिंग। पेइचिंग
में तिब्बत पर एक सांस्कृतिक विषय पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें
देसी विदेशी संवाददाता मौजूद थे जिनमें प्रमुख रूप से चंगतुई– चीनी तिब्बत अध्ययन
केन्द्र के महानिदेशक, लियेनसियांगमिन- समकालीन अध्ययन विभाग के प्रधान,
चऊवेई–धार्मिक अध्ययन विभाग के प्रधान, चुंगगच्या– तिब्बती औषधि अध्ययन के
उपप्रधान, चाच्या– तिब्बती संस्कृति संग्रहालय के उपप्रधान, केलसांगड्रोलमा–
सामाजिक अर्थतंत्र विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान
प्रेसवार्ता को संबोधित करने वाले तिब्बत के विभिन्न विषय के कई जानकार गणमान्य
विशेषज्ञ मौजूद थे, 1951 के बाद से अब तक तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों में जो
तरक्की का काम किया गया है उस पर इन विशेषज्ञों ने संवादाताओं के सवालों के जवाब
दिये। शिक्षा के क्षेत्र
में आज तिब्बत की स्थिति 1951 की तुलना में बहुत अलग है, आज वहां 99 फीसदी लोग
शिक्षित हैं, जिन्हें प्राइमरी, माध्यमिक और वोकेशनल शिक्षा दी जा रही है, भाषा को
लेकर भी वहां पर कोई मतभेद नहीं हैं, भाषा विशेषज्ञ ने बताया कि तिब्बत में
तिब्बती जाति औरहान जातीय भाषा के अलावा भी कई दूसरी भाषाएं वहां पर बोली जाती
हैं, इस स्थिति पर चीन की स्थिति एकदम साफ है, वर्ष 2000 से ही कई विदेशी
विशेषज्ञों ने तिब्बत जाकर वहां की स्थिति का जायज़ा भी लिया है। अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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