कोलंबो। श्रीलंका में जबरदस्त बारिश के चलते आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से 119 लोगों की मौत हो गई हैं जबकि 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
1970 के दशक के बाद यह सबसे भारी बारिश है। इस बारिश से सात जिलों में 20
हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। दक्षिण पश्चिम मानसून ने यह तबाही
मचाई है, जिसमें सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं और कई सडक़ें टूट गई हैं। भारतीय नौसेना के तीन जहाज राहत सामग्री लेकर श्रीलंका गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत
के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रीलंका में इस आपदा पर दुख
जताया है। साथ ही उन्होंने श्रीलंका सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया
है। उन्होंने कहा कि जो हमसे बन पड़ेगा, वह हम करेंगे। राहत सामग्रियों के
हमारे जहाज भेजे जा रहे हैं। राहत सामग्रियों का पहला जहाज शनिवार और दूसरा
रविवार को कोलंबो पहुंचेगा। बता दें कि इससे पहले श्रीलंका में त्वरित
राहत पहुंचाने के लिए बंगाल की खाड़ी के दक्षिण हिस्से में तैनात आईएनएस
किर्च को कोलंबो की ओर रवाना कर दिया गया है। साथ ही कपड़े, दवाई और पानी
जैसी जरूरी चीजों के साथ आईएनएस विशाखापत्तनम सेेेे रवाना होगा। इन जहाजों
में राहत सामग्री के साथ मेडिकल टीमें और हेलिकॉप्टर भी कोलंबो भेजे जा रहे
हैं।
खबरों के मुताबिक, सबसे बुरी तरह गाले जिला प्रभावित हुआ है, जहां
7,157 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के
उपमंत्री दुनेश गनकानदा न कहा, ‘हमने 1970 के दशक के बाद से सबसे जबरदस्त
बारिश देखी है। हम कुछ इलाकों में राहत कार्य कर रहे हैं, लेकिन हम
प्रभावित इलाकों में कुछ मकानों तक नहीं पहुंच सकते।’ उन्होंने कहा कि
सरकार ने राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सतर्क कर दिया है।
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