सैन फ्रांसिस्को/नई दिल्ली। फेसबुक कथित तौर पर म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के जातीय संहार पर लिखी जाने वाली सामाजिक कार्यकर्ताओं की पोस्ट को हटा रहा है और इन कार्यकर्ताओं के अकाउंट तक सस्पेंड कर रहा है। डेली बीस्ट ने यह जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि उनके अकाउंट को बंद किया जा रहा है या पोस्ट को हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फेसबुक उन्हें सच बोलने देगा। म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी मानता है जबकि बांग्लादेश उन्हें म्यांमार का नागरिक मानता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
म्यांमार की सरकार रोहिंग्या शब्द का इस्तमाल नहीं करती और उनको एक आधिकारिक जाति के रूप में मान्यता नहीं देती, जिसका मतलब है कि उन्हें नागरिकता नहीं दी गई है और जिसका अर्थ यह है कि रोहिंग्या एक तरह से देशविहीन हो गए हैं। फेसबुक प्रवक्ता रुचिका बुधराजा ने बुधवार को डेली बीस्ट से कहा, हम चाहते है कि फेसबुक एक ऐसी जगह बने जहां लोग विश्वसनीय ढंग से चीजें साझा हों। हम अभियक्ति को सक्षम बनाने और साथ ही सुरक्षित एवं सम्मानजनक अनुभव प्रदान करने के बीच सही संतुलन बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
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