बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को कहा कि चीन अपने पड़ोसियों के साथ विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से करेगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बीजिंग अपने हितों के साथ समझौता करेगा। लोगों से भरे ग्रेट हॉल में अपने तीन घंटे के भाषण के दौरान, उन्होंने चीन की संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना को विश्वस्तरीय बनाने का वादा किया। सात दिवसीय सीपीसी के 19वें पार्टी कांग्रेस के पहले दिन उन्होंने अपने भाषण में राष्ट्रीय पुनर्जीवन, चीनी साम्यवाद, पार्टी के लिए प्रतिबद्धता और गत पांच वर्षो में चीन की उपलब्धियों के बारे में बताया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शी ने कहा, चीन कभी भी दूसरे देश की अनदेखी कर अपना विकास नहीं करेगा और ना ही चीन अपने वैध अधिकार और हितों को छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि चीन अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्द, ईमानदारी, पारस्परिक लाभ, समावेशता और दोस्ती व साझेदारी की स्थापना की नीति के तहत संबंध मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, हम बातचीत के जरिये विवाद हल करेंगे और पारंपरिक व गैर पारंपरिक मतभेदों को चर्चा के जरिये सुलझाएंगे। भारत और भूटान के साथ चीन का दशकों पुराना सीमा विवाद है वहीं दक्षिण व पूर्वी चीन सागर को लेकर उसके कई पड़ोसी देशों के साथ विवाद है।
चीन और भारत के बीच दो माह लंबा चला डोकलाम विवाद अगस्त में समाप्त हुआ था। उन्होंने कहा, 21वीं शताब्दी के मध्य तक पीपुल्स आम्र्ड फोर्सेस को पूरी तरह से विश्वस्तरीय सेना बनाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा और 2020 तक हमारी सेना को मूल रूप से यंत्रीकृत कर लिया जाएगा जिसमें आईटी इस्तेमाल और रणनीतिक क्षमताओं से बड़ा सुधार दिखेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सशस्त्र सेना का आधुनिकीकरण मुख्यत: 2035 तक पूरा हो जाएगा।
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