उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी अपने पूर्ववर्तियों की तरह
यह मानते हैं कि अगर सत्ता पर पकड़ ढीली हुई, तो देश में उथल-पुथल मच सकती
है और देश बिखर सकता है। यही कारण है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट
पार्टी हमेशा अपने काडर से कहती है कि वो 1990 दशक के शुरुआत में सोवियत
यूनियन के विघटन का अध्ययन करे। शिआओडू से पहले शनिवार को एंटी-करप्शन के
नए प्रमुख झाओ लेजी ने चीनी अखबार पीपुल्स डेली के संपादकीय में भ्रष्टाचार
को लेकर इसी तरह का लेख लिखा था। ये भी पढ़ें - भगवान शिव को पाने के लिए युवती ने जान दी
लेजी को वांग क्विशान की जगह
एंटी-करप्शन का नया प्रमुख बनाया गया है। शिआओडू ने अपने लेख में यह भी कहा
कि शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में काफी उपलब्धि पाई है,
लेकिन अभी पार्टी के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार की सफाई अब भी बाकी है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई काफी गंभीर और जटिल है। इसको
लगातार आक्रामक कार्रवाई के जरिए ही खत्म किया जा सकता है।
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