पेइचिंग। अगर सोवियत संघ की तरह तबाह होने से खुद को चीन बचाना चाहता है तो उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और मजबूती से लडऩा होगा। चीन में सेंट्रल कमिशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन के डेप्युटी सेक्रेटरी यांग शिआओडू ने बुधवार को यह बात एक संपादकीय में कही है। यांग ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई में देश नाकाम रहा तो यह देश के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। यांग को पिछले महीने सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले शासनकाल में भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया था कि सत्तारूढ़ पार्टी नेतृत्व कमजोर पड़ गया। इस दौरान निरीक्षण बेहद कमजोर रहा और विचारधारा बेपरवाह रही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भ्रष्टाचार को फूलने-फलने दिया। भ्रष्टाचार के खिलाफ नरमी बरती गई और कार्रवाई करने में उदासीनता दिखाई गई। चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली के संपादकीय लेख में शिआओडू ने कहा कि अगर चीन में भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया गया, तो देश का स्वरूप ही बदल जाएगा और यह बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाया गया तो भविष्य में सत्तारूढ़ पार्टी और देश के लोगों को सोवियत संघ और ईस्टर्न ब्लॉक की तरह तबाही देखने को मिलेगी। भ्रष्टाचार के चलते देश सोवियत संघ और ईस्टर्न ब्लॉक की तरह ढह जाएगा। मालूम हो कि 1990 के दशक के शुरुआत में सोवियत संघ का विघटन हो गया था।
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