पटियाला। हमारे शिलालेख खतरे में हैंं। हमें इन्हें बचाने के लिए पहल करनी होगी। यह बात हिमाचल यूनिवर्सिटी के प्रो. लक्ष्मण एस ठाकुर ने पीयू (पंजाब यूनिवर्सिटी ) के पंजाब हिस्ट्री स्टडी डिपार्टमेंट की ओर से पंजाबी इतिहास कांफ्रेंस के 49वें सत्र के दौरान कही। कांफ्रेंस में देश भर से कई विद्वान शामिल हुए हैं।
अलीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रो. सैयद अली नदीम रिजवी ने मध्यकालीन सत्र का आगाज करते हुए आर्किटेक्टर इन मुगल पंजाब पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने इमारतों में बनाई कलाकृतियां और सभ्याचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रो. अमृत कौर बसरा ने पंजाब के इतिहास की हिस्टोरियोग्राफी में कमियों पर विचार प्रकट किए।
अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवसि के प्रो. सुलक्खन सिंह ने गुरुद्वारा तख्त हजूर साहिब नांदेड़ के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी खोज पत्र में श्री गुरु गोबिंद सिंह के जीवन के आखिरी समय में नांदेड़ साहिब के ऐतिहासिक पक्ष व परंपराओं की जानकारी दी। कांफ्रेंस के दौरान प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक, पंजाबी सेक्शन पर 80 शोध पत्र पेश किए गए।
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope