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विदाई भाषण: देश में हो रही हिंसा और जलवायु परिवर्तन पर प्रणब ने जताई चिंता

नई दिल्ली। प्रणब मुखर्जी ने सोमवार शाम को बतौर राष्ट्रपति आखिरी बार देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी डयूटी को निभाने के पूरी कोशिश की। मेरे लिए संविधान ही सब कुछ रहा। सियासी दलों ने जो मेरा सहयोग किया है, उसका मैं शुक्रगुजार हूं। मैं इस देश की जनता का हमेशा कर्जदार रहूंगा। इस दौरान उन्होंने देश में हो रही हिंसा और जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम हर दिन अपने आसपास बढ़ती हिंसा देख रहे हैं। इसकी बुनियाद में अंधेरा, डर और आपसी भरोसा खो देने का माहौल है। भारत की आत्मा बहुलवाद और सहिष्णुता में बसती है और अनेकता में एकता देश की पहचान है। साथ ही उन्होंने बदलते जलवायु परिवर्तन भी चिंता जताई।

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति बनने जा रहे रामनाथ कोविंद का स्वागत करता हूं। मुखर्जी ने कहा कि विभिन्न विचारों को ग्रहण करके हमारे समाज में बहुलतावाद का निर्माण हुआ है। हमें सहिष्णुता से शक्ति प्राप्त होती है। प्रतिदिन हम आसपास बढ़ती हुई हिंसा को देखते हैं तो दुख होता है। हमें इसकी निंदी करनी चाहिए। हमें अहिंसा की शक्ति को जगाना होगा। महात्मा गांधी भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में देखते थे जहां समावेशी माहौल हो। हमें ऐसा ही राष्ट्र बनाना होगा।

जलवायु परिवर्तन पर चिंता

मुखर्जी ने बदलते जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताते हुए कहा कि पर्यावरण में बदलाव के कारण कृषि पर असर पड़ा है। हम सबको मिलकर काम करना होगा। शिक्षा और शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर का बनाना होगा। तभी हम तरक्की हासिल कर सकते हैं।

कल मैं आम नागरिक रहूंगा

उन्होंने कहा, मैंने पिछले 5 सालों में अच्छा माहौल बनाने की कोशिश की। अब में विदा हो रहा हूं। वर्ष 2012 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर में जो मैंने कहा था वह एक बार फिर दोहरा रहा हूं। लोकतंत्र का सबसे बड़ा सम्मान मातृभूमि का नागरिक होने में है। हम सभी भारत मां के बच्चे हैं। हमें जो भी जिम्मेदारी मिले, हम सब उसको पूरी निष्ठा के साथ निभाएं। कल मैं जब आपसे बात कर रहा होऊंगा तो मैं भारत का राष्ट्रपति नहीं बल्कि एक आम नागरिक रहूंगा। देश की उन्नति ही हमारा ध्येय होना चाहिए।

प्रणब से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला:मोदी

इससे पहले राष्ट्रपति भवन में प्रणब के भाषण की एक बुक को लॉन्च किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मार्गदर्शन मिला है, जो मुझे बेहद मदद करेगा। मैं यह कह सकता हू कि जिसने भी उनके (प्रणब) साथ काम किया है, उन्होंने मेरे जैसा ही महसूस किया होगा। प्रणब के पास बहुत नॉलेज है और वह बहुत ही सादगीभरे हैं। प्रणव मुखर्जी के रहते ही राष्ट्रपति भवन लोक भवन में बदल गया।

कल शपथ लेेंगे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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