जोधपुर। जोधपुर के बाशिंदों के लिए अगले 20 दिन तक पानी की कमी रहेगी। सोमवार की रात से इन्दिरा गांधी नहर में क्लोजर शुरू होने जा रहा है, जो कि 16 अप्रेल तक रहेगा। इस बीच सबसे बड़ा संशय जोधपुर के लिए पानी की पोंडिंग को लेकर है। इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं होने से आने वाले दिनों में शहर व करीब 850 गांव के लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। ये फैसला शहर की जलापूर्ति के लिए किसी खतरे से कम नहीं होगा क्योंकि गर्मी आ चुकी है और लोगों को पानी ज्यादा चाहिए। ऐसे में ऐसा फैसला त्राहिमाम वाला साबित हो सकता है।
पानी को लेकर हो सकती है हायतौबा
दरअसल 27 मार्च मध्यरात्रि से इन्दिरा गांधी नहर में क्लोजर शुरू हो जाएगा, नहर में पानी की आवक नहीं होने से कायलाना खाली होगा। ऐसे में पानी पोंडिंग नहीं होगा तो शहर में जलापूर्ति भी नहीं होगी। और ये सब लापरवाही का परिणाम ही है कि आने वाले दिनों में शहर को प्यासा रहना पड़ सकता है।
क्यों हुआ ऐसा ?
जोधपुर शहर को पिलाने के लिए जलदाय विभाग के पास 227 एमसीएफटी पानी जमा है। इसमें से 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज के रूप में जलाशयों में रहेगा जो सप्लाई नहीं किया जा सकता। शेष 127 एमसीएफटी पानी से काम चलाना होगा। रोजाना शहर में 12-13 एमसीएफटी पानी सप्लाई किया जाता है। इस हिसाब से मात्र 10 दिन की सप्लाई के इंतजाम है। जबकि क्लोजर की अवधि 27 मार्च से 16 अप्रेल तक है। ऐसे में दस दिन का और क्लोजर रहेगा। 19 से 21 दिन का। पोंडिंग नहीं हुआ तो जोधपुर के अलावा करीब 850 गांवों में भी पानी का संकट पैदा हो जाएगा।
नहर प्रशासन ने पोंडिंग से झटके हाथ जलदाय विभाग ने इन्दिरा गांधी नहर प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था कि राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में आरडी 421 से 1121 के बीच पोंडिंग की जाए ताकि क्लोजर के समय जोधपुर के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन्दिरा गांधी नहर प्रशासन ने लिखित में देते हुए यह स्पष्ट मना कर दिया कि जोधपुर के लिए कैनाल में वे पोंडिंग नहीं कर सकते।
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