लखनऊ। केंद्रीय चुनाव आयोग ने यूपी राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम उपलब्ध
कराने पर हामी भर दी है और यूपी में 14 नगर निगमों में मेयर और पार्षद के
चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से ही होंगे।
अत: अब चुनाव 2006 के पहले बने मॉडल वन के उसी ईवीएम से होंगे जिस पर सवाल
उठाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने बैलट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी
और कागजों की आपूर्ति के लिए टेंडर भी जारी कर दिए थे।
राज्य निर्वाचन
आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि 31 मार्च को भेजी गई चिट्ठी के जवाब में
सोमवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने ईवीएम उपलब्ध कराने पर सहमति प्रदान कर
दी है। आयोग ने कहा कि पर्याप्त संख्या में ईवीएम मध्य प्रदेश के मुख्य
निर्वाचन अधिकारी के पास उपलब्ध हैं इसलिए वहां से ईवीएम मंगा लें।
राज्य निर्वाचन आयोग ने 25 हजार कंट्रोल यूनिट और 50 हजार बैलेट यूनिट
मांगी थी।
केंद्रीय चुनाव आयोग की हरी झंडी मिलने के बाद विभिन्न जिलों से
ईवीएम मंगाने की कार्रवाई शुरू भी कर दी गई है। पुराने ईवीएम के इस्तेमाल
पर आयुक्त का कहना है कि हमें इस पर कभी आपत्ति नहीं थी। गुणवत्ता का सवाल
खुद केंद्रीय चुनाव आयोग ने ही उठाया था। हमें जो भी ईवीएम मिलेगा उससे
चुनाव कराएंगे। दूसरे राज्यों में भी इससे निकाय चुनाव हुए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले मॉडल वन की ईवीएम से चुनाव कराने पर आपत्ति
जताई थी।
निर्वाचन आयुक्त ने कहा था कि अगर मॉडल वन की ईवीएम मिलती है तो
वह बैलट पेपर पर चुनाव करा सकते हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग 2006 के बाद के
ईवीएम उपलब्ध कराए जिनका वह खुद इस्तेमाल करता है। इस बयान के बाद सियासी
गलियारों में सक्रियता तेज हो गई थी। ईवीएम को पूरे विपक्ष ने मुद्दा बनाया
हुआ है। ऎसे में बीजेपी शासित राज्य में ही ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से
चुनाव होता तो विपक्ष के आरोपों को ताकत मिलती और बीजेपी के लिए गलत संदेश
जाता।
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