नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत से पहले तुर्की के
राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए
बहुपक्षीय संवाद की पैरवी की ताकि इलाके में शांति सुनिश्चित की जा सके।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने रविवार को नई दिल्ली
पहुंचने से पहले वीओन न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, हमें कश्मीर
में और घटनाओं को होने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। बहुपक्षीय वार्ता के जरिए
जिसमें हम भी शामिल हो सकते हैं, हम कश्मीर समस्या को हल करने का एक
रास्ता निकाल सकते हैं जो सभी के लिए होगा। उन्होंने कहा,पूरी दुनिया में
इससे बेहतर दूसरा और कोई विकल्प नही कि वार्ता की प्रक्रिया को जारी रखा
जाए। यहि हम वैश्विक शांति की ओर योगदान देते हैं तो हम एक सकारात्मक
परिणाम हासिल कर सकते हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन का सोमवार को नई दिल्ली में
राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एर्दोगन का स्वागत किया। उसके बाद राष्ट्रपति
भवन के प्रांगण में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, भारत को तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का स्वागत
करने की खुशी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक
अन्य ट्वीट में कहा, एक महत्वपूर्ण दौरा। इसके बाद एर्दोगन ने राजघाट जाकर
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी एर्दोगन
से मुलाकात की और उनके साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।
एर्दोगन तुर्की में 16 अप्रैल को हुए जनमत संग्रह में जीत हासिल करने के
बाद भारत दौरे पर आए हैं। एर्दोगन इससे पहले 2008 में भारत दौरे पर आए थे,
जब वह प्रधानमंत्री थे। राष्ट्रपति मुखर्जी ने 2013 में तुर्की का दौरा
किया था। वहीं, मोदी ने इससे पहले 2015 में अंताल्या में जी20 शिखर सम्मेलन
के दौरान एर्दोगन से मुलाकात की थी।
एर्दोगन की भारत-तुर्की व्यापार में संतुलन पर जोर...
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 11 बजे तक 22.51% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
यूपी में चंद्रशेखर ने ईवीएम खराब होने की शिकायत की, सपा ने भी लगाए कई आरोप
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope