देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून के कैंट रोड पर स्थित अपने आधिकारिक बंगले में शिफ्ट हो गए हैं। लेकिन, राजनीतिक गलियारों में इस बंगले को मनहूस बताया जाता है। कहा जाता है कि इसमें रहने वाला मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता। इस आवास के साथ जो रहस्य जुड़ा है उससे उत्तराखंड के पूर्व में रहे सभी सीएम भी डरते थे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तो इस बंगले में कभी रहे ही नहीं। इस बंगले में रहने वाले मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, बीएस खंडूरी और विजय बहुगुणा अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे।
अब देखना यह है कि त्रिवेंद्र इस बंगले के साथ जुड़े कथित अभिशाप के शिकार होते हैं या तोड़ पाने में कामयाब होते हैं। कहा जा रहा है कि सीएम प्रवेश से पहले कई ज्योतिष और पंडितों से रायशुमारी के बाद ही इस बंगले में आए हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के साथ तकरीबन दो घंटे तक पूजा की और इसके बाद बंगले में शिफ्ट हो गए। इस दौरान उनकी कैबिनेट के मंत्री जैसे सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, प्रकाश पंत, यशपाल आर्य और मदन कौशिक मौजूद दे। राज्य के बीजेपी प्रमुख अजय भट्ट भी मौके पर मौजूद थे।
सियासी हल्कों में बदनामी के लिए मशहूर है यह बंगला
कैंट में राजभवन से लगा हुआ मुख्यमंत्री आवास अपनी खूबसूरती के लिए इतना मशहूर नहीं है, जितना सियासी हल्कों में अपनी बदनामी के लिए जाना जाता है। इसके संबंध में यहां तक कहा जाता है कि इसके निर्माण के बाद ही नहीं निर्माण के दौरान ही मुख्यमंत्रियों की कुर्सियां खिसकती रही हैं।
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