नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा करने की मांग कर रहे 14 याचिकार्ताओं के समूह को अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए संविधान पीठ के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि शिकायत करने के अलावा याचिकाकर्ता नोटबंदी के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने में न्यायालय की मदद भी कर सकते है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार पुराने नोट रखने के लिए उनके खिलाफ किसी तरह की दंडनीय कार्रवाई नहीं करेगी। हालांकि साथ-साथ यह भी साफ किया है कि इन याचियों के खिलाफ सिर्फ उतनी रकम के लिए ही कार्रवाई नहीं होगी जिनका इन्होंने अपनी याचिकाओं में जिक्र किया है। इन 14 याचिकाकर्ताओं के समूह में एनआरआई भी शामिल हैं, जो नोटबंदी के समय देश में मौजूद नहीं थे। इसके अलावा इसमें मानसिक रूप से विक्षिप्त भी शामिल हैं।
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