नई दिल्ली। चार दिवसीय दौरे पर भारत आए इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। इस दौरान मोसुल में लापता हुए 39 भारतीयों के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान इराक के विदेश मंत्री ने कहा है कि अभी उनके पास इन लापता भारतीयों के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इराकी विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने सोमवार को कहा, हम 100 फीसदी यकीन के साथ नहीं कह सकते हैं कि लापता भारतीय जिंदा हैं या नहीं। हम उन्हें खोजने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जाफरी ने कहा, हमारे पास इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं कि वे मारे गए हैं या फिर जिंदा हैं। इस बारे में अभी हम कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि सुषमा ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि इराक में लापता 39 भारतीयों के हाल ही में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के कब्जे से आजाद कराए गए मोसुल में एक जेल में कैद होने की आशंका है। सुषमा ने कहा था कि नौ जुलाई को मोसुल की आईएस से आजादी के बाद लापता भारतीयों की तलाश और रिहाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि मूलत:पंजाब के रहने वाले इन 39 लापता भारतीयों के बादुश में एक जेल में कैद होने की आशंका है।
मामले की पड़ताल के लिए विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह को इरबिल भी भेजा गया था। वी. के. सिंह लापता भारतीयों के बारे में जानकारी जुटाने 12 जुलाई को मोसुल के पेशमर्गा मोर्चे भी गए थे। सिंह ने बताया था कि पेशमर्गा से अभी भी आईएस आतंकियों को खदेड़ा जा रहा है। उन्होंने वहां इराक के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की थी। समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में हालांकि कहा गया था कि बादुश की जेल पूरी तरह ढह चुकी है और वहां किसी भारतीय के होने का कोई संकेत नहीं है।
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