लखनऊ।
राष्ट्रीय निषाद संघ (एनएएफ) के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटनराम निषाद ने केंद्र
सरकार से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की सूची में जातियों व समुदायों को
शामिल करने की प्रक्रिया में संशोधन की मांग की है। साथ ही कहा कि आरजीआई के
अधिकारों को सीमित किया जाए।
उन्होंने
कहा कि राज्य सरकारों द्वारा एससी व एसटी में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को
बार-बार प्रस्ताव भेजा जाता है, लेकिन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा पत्र भेजकर कहा जाता
है कि आरजीआई या भारत के महापंजीयक ने अमुक जानकारी मांगी है।
निषाद ने जानना चाहा है कि क्या भारत के महापंजीयक/रजिस्ट्रार जनरल
ऑफ इंडिया ही जातियों को अनुसूचित जाति या जनजाति में शामिल करने के लिए सुपर पावर
हैं? उन्होंने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की सूची में
संशोधन की प्रक्रिया का सरलीकरण किए जाने की जरूरत पर बल दिया है।
उन्होंने भाजपा से चुनावी घोषणापत्र-2012 में
किए गए वायदों को अब सत्ता में आने पर पूरा कर अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति
का आरक्षण देने व आरजीआई के अधिकारों को सीमित करने की मांग की है।
-आईएएनएस
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