नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर विपक्ष ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि बैठक में दोनों के बीच राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर भी चर्चा हुई है। दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से सिर्फ एक उम्मीदवार उतारे जाने की अपील की है। राष्ट्रपति चुनाव के बहाने विपक्षी एकता की यह कवायद बहुत हद तक 2019 के लिए विपक्ष के ‘महागठबंधन’ का खाका भी खींचेगी।
जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि उनकी पार्टी विपक्ष की एकता की पक्षधर है। जदयू का मानना है कि विपक्ष को मिलकर राष्ट्रपति पद के लिए एक उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए। विपक्ष की सबसे वरिष्ठ नेता होने की वजह से सोनिया गांधी को आगे आकर राजनीतिक दलों से बातचीत करनी चाहिए। त्यागी ने आगे बताया कि नीतीश कुमार ने इस संबंध में राकांपा और लेफ्ट पार्टियों से भी चर्चा की है। सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर तकरीबन आधे घंटे तक हुई दोनों के बीच मुलाकात को बेहतर रणनीति और समन्वय के लिए हुई बैठक बताया गया है।
राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी एकता के लिए बड़ा इम्तिहान
पंजाब को छोडक़र हालिया 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के दमदार प्रदर्शन से विपक्षी दलों की चिंता बढऩा स्वाभाविक है। ऐसे में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष के पास बिहार के महागठबंधन का मॉडल ही सबसे बेहतर है। इसके मद्देनजर राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी एकता के लिए बड़ा इम्तिहान साबित होने वाला है।
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