जयपुर। जवाहर कला केंद्र द्वारा प्रस्तुत परफॉर्मिंग आट्र्स फेस्टिवल ‘नवरस’ के तहत शनिवार को दीपन शिवारामन द्वारा निर्देशत ‘खसककिन्ते इतिहास’ - ‘द लीजेन्ड्स ऑफ खसक’ की प्रस्तुति हुई। ओ.वी. विजयन के मलयालम उपन्यास पर आधारित इस नाटक की प्रस्तुति पहली बार उत्तरी भारत में की गई थी।
अग्नि, मिट्टी, जल, गंध, आकाश के व्यापक उपयोग एवं विशाल वास्तविक कठपुतलियों एवं मुखौटों के प्रतीकात्मक उपयोग के साथ भूमि के खुले क्षेत्र में एक बड़े आयताकार गड्ढे पर प्रस्तुत इस परफॉर्मेंस ने दर्शकों को ‘खसक’ के आनंद एवं दुख का अनुभव कराया। इस प्रस्तुति के जरिये खसक के किरदार - ऑलापिचा मोल्लक्का, मेयमुना, अप्पुक्ली, नेयजम अली, कुट्टांदान पुशारी और रवि दर्शकों से रूबरू हुए। दर्शकों के लिए थियेटर को अनूठा अनुभव बनाने के लिए दीपन द्वारा इस नाटक में निरंतर प्रयोग किए हैं। इसमें सौ से ज्यादा लोगों द्वारा कार्य किया गया है।
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