इस्लामाबाद। पाकिस्तान में जमात-ए-इस्लामी सीनेटर सिराजुल हक ने सोमवार को
कुलभूषण जाधव मामले पर बहस करने के लिए एक प्रस्ताव सीनेट में पेश किया।
प्रस्ताव में सीनेटर ने पाकिस्तान सरकार के नरम रूख को लेकर आपत्ति जताई।
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उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ
जस्टिस (आईसीजे) द्वारा रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान कोई कदम नहीं उठा
रहा है। लोगों द्वारा तरह-तरह की बयानबाजी की जा रही है। पडोसी देश को ऎसा
संकेत जा रहा है कि पाकिस्तान कुलभूषण मामले पर हार मान चुका है।
हक ने कहा, पाकिस्तान के इस रवैये से लोगों में भ्रम फैल रहा है। इसमें कोई
संदेह नहीं कि इंटरनेशनल कोर्ट में पाकिस्तान की हार हुई है। उन्होंने कहा
कि हमने जो अपेक्षाएं की थी उसके अनुसार कार्य नहीं किया गया है और
पाकिस्तान द्वारा जो आईसीजे में कदम उठाया गया है उससे देश को काफी
शर्मिदगी झेलनी पडी है।
हक ने कहा,हालांकि पाकिस्तान के लिए जाधव की गिरफ्तारी एक बडी उपलब्धि थी,
लेकिन पाकिस्तान ने आईसीजे में जाधव और भारत की विद्रोही गतिविधियों के
बारे में तथ्यों को सामने लाने का एक मौका गंवा दिया। उन्होंने यह भी दावा
किया कि आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए भारत के रूख
को अपनाया था।
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