नयी दिल्ली। जमीन के पट्टे के शुल्क,मकान किराए तथा निर्माणाधीन मकानों की
खरीद के लिए चुकाई जाने वाली ईएमआई पर भी एक जुलाई से वस्तु व सेवा कर
यानी जीएसटी लगेगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी से जुडे विधेयक
सोमवार को लोकसभा में पेश किए जिनके अनुसार जमीन व भवनों की बिक्री जीएसटी
के दायरे में नहीं आएगी वरन स्टांप शुल्क की व्यवस्था पहले की ही तरह जारी
रहेगी। इसी तरह बिजली को भी जीएसटी के दायरे से अलग रखा गया है।
बता दें,सरकार जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही
है। सभी केंद्रीय उत्पाद, सेवा कर व राज्य वैट तथा तैयार सामान व सेवाओं पर
लगने वाले अन्य अप्रत्यक्ष कर इसमें शामिल हो जाएंगे। सरकार ने केंद्रीय
जीएसटी (सीजीएसटी) विधेयक सहित चार विधेयक लोकसभा में पेश किए हैं।
सीजीएसटी के प्रावधानों के अनुसार जमीन को पट्टे पर देने, किराये या
लाइसेंस पर देने को सेवा आपूर्ति माना जाएगा।
इसी तरह किसी भवन (वाणिज्यिक, औद्योगिक या आवासीय परिसर) को कारोबार आदि के
लिए किराये पर देने को भी सेवा आपूर्ति माना जाएगा।
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