नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के
मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता अक्षुण्ण है और स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की मेजबानी में दिए गए भोज में वह इसलिए शिरकत करने आए हैं,
क्योंकि यह मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रवींद्र जगन्नाथ के सम्मान में दिया
गया।
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जनता दल
(युनाइटेड) के अध्यक्ष ने कहा कि इसकी तुलना शुक्रवार को विपक्षी नेताओं के
लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लंच पर आयोजित बैठक से करना सही
नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पहले से स्पष्ट था कि विपक्ष की बैठक में
जद-यू नेता शरद यादव शिरकत करेंगे।
नीतीश कुमार ने कहा, मॉरिशस की
आधी आबादी बिहारी मूल के लोगों की है। हमारा मॉरिशस के लोगों के साथ
भावनात्मक जुड़ाव है, इसलिए मैंने आमंत्रण को स्वीकार करना उचित समझा।
शुक्रवार
को विपक्ष की बैठक के दौरान उनकी गैरमौजूदगी के बारे में पूछे गए सवाल में
कुमार ने कहा, "दोनों के बीच क्या संबंध है? मैंने सोनिया गांधी से पहले
ही 20 अप्रैल को मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा, मैंने पहले ही फैसला किया था कि उस बैठक में शरदजी जाएंगे। आज का आमंत्रण बिहार के मुख्यमंत्री के लिए था। मुख्यमंत्री ने कहा, दोनों में तुलना करना हालात को गलत तरीके से पेश करना है।
नीतीश
ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि मॉनसून आने से पहले
वह राज्य में बाढ़ के हालात के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों का एक दल भेजें। उन्होंने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी सौंपा है।नीतीश ने कहा, "हमारे पास जनता का जनादेश है, हम महागठबंधन में हैं। राज्य के मुद्दों को केंद्र के समक्ष उठाना हमारा कर्तव्य है।
मोदी और नीतीश के बीच करीब
30 मिनट तक मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान बिहार राज्य के विकास के मसलों
पर चर्चा हुई। इसमें गंगा नदी में फैल रहा प्रदूषण और गाद की समस्या शामिल
है।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
द्वारा विपक्षी नेताओं की बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। इसके
बाद सियासी गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
हालांकि, पीएम से मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि इसका राजनीतिक अर्थ नहीं
निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बिहार में
बाढ़ की समस्या, विशेष राज्य के दर्जा समेत राज्य से जुड़े मसलों पर चर्चा
की और केंद्र का सहयोग मांगा।
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